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Tuesday, May 25, 2010

३४-२६-३४-एक kundali

३४-२६-३४ का मचा है अत्याचार,
मान लो मांगे, नहीं सहोगे, आंसुओं की धार;
आंसुओं की धार, बाद ऐसी लाएगी,
तू डूबे न डूबे, जेब तेरी डूबाएगी;
होगा हाल खराब, तू हैराँ हो जायेगा,
बोलूँ खोएगा इतना, सोचेगा, क्या पायेगा?
देख समस्या सारी ये खूब किया विचार,
३४-२६-३४ का मचा है अत्याचार|

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मैं जिंदा हूँ, मगर ज़िंदगी नहीं हूँ; मुझपे मरने की ग़लती करना लाज़िम नहीं है|

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