३४-२६-३४ का मचा है अत्याचार,
मान लो मांगे, नहीं सहोगे, आंसुओं की धार;
आंसुओं की धार, बाद ऐसी लाएगी,
तू डूबे न डूबे, जेब तेरी डूबाएगी;
होगा हाल खराब, तू हैराँ हो जायेगा,
बोलूँ खोएगा इतना, सोचेगा, क्या पायेगा?
देख समस्या सारी ये खूब किया विचार,
३४-२६-३४ का मचा है अत्याचार|
Sahi Likha hai Bhai ........... :)
ReplyDeletethank u ji..
ReplyDelete:)